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नान स्टाप राइटिंग चेलैंज 2022 एडीशन 1 ईश्वर की लीला अपरम्पार( भाग 15)

     कूडा़ बीनने वाली डाक्टर लक्ष्मी को देखकर पुरानी यादौ में खोगयी। उसकी आँखौ के सामने आज से तीस साल पहले की यादे ताजा होगयी।


      "अरे यह तो बच्ची है ?  इसे इस कूडे़दान में कौन फैक गया है। कैसे कैसे लोग है जो बच्ची को मरने के लिए कूडे़दान में फैक गये है ।इनका ईश्वर कैसे भला करेगा। " कूडा़ बीनने वाली उस बच्ची को निकालकर जोर जोर से बोले जारही थी।

     उसकी आवाज सुनकर वहाँ भीड़ जमा होती जारही थी। उनमे से एक औरत बोली," किसी की नाजायज औलाद है इसी लिए मरने के लिए फैक गयी है। "

 एक दूसरी तरफ से आवाज आई," मालूम नही कैसी कैसी औरतै है इनको माँ कौन कहेगा  ये माँ के नाम पर कलंक है इनको तो बांझ हौना चाहिए। ना जाने भगवान भी इनको औलाद क्यो देता है।।"

    तब तक उस भीड़ में से तीसरी आवाज आई," देखो तो कितनी मासूम है। बेचारी की तकदीर ही खराब है जो माँ पैदा होते ही कचरे के डिब्बे  में फैक गयी है। कैसी माँ है जिसे इस नन्ही सी जान पर तनिक भी दया नही आई।  नरक में जायेगी ऐसी माँ। "

    एक आदमी भीड़ में घुसकर बोला " पुलिस को बुलाओ वह आस पास के अस्पतालौ में पता करेगी कि आज कहाँ कहाँ डिलेबरी हुई है। "

       इस तरह जितने मुँह उतनी बाते कर रहे थे लेकिन बच्ची लगातार रोए जारही थी शायद वह भूखी थी। इस बात की किसी को परवाह नही थी। सब अपनी अपनी राय देरहे थे।

          तब तक किसी ने सौ नम्बर पर फौन कर दिया। 

    परन्तु पुलिस की गाडी़ आती उससे पहले वहाँ दो हाथ आगे बढे और उन दो हाथौ ने  उस नन्ही जान को अपने हाथौ में मजबूती से थाम लिया और आवाज आई," आ मेरी लक्ष्मी तू अब तक कहाँ थी। मैने तुझे कहाँ कहाँ नही ढूढा़ मुझे क्या मालूम था कि तू यहाँ है। ?"
इतना कहकर उसने उस बच्ची को अपने स्तनौ से लगा लिया।

      वह नन्ही जान चुपचाप दूध पीने लगी। साथ में हूँ की आवाज निकालती जारही थी मानो वह शिकायत कर रही थी कि माँ तू अबतक कहाँ थी। तुझे मालूम नही था कि तेरी बेटी भूखी है। तू कैसी माँ है जो अपनी बच्ची को भूखा छोड़ दिया है। "

        तब तक उस औरत का पति भी आगया वह उस बच्ची के सिर पर अपना हाथ फेरकर वहाँ से दौड़कर गया और जब वह लौट कर आया तब उसके हाथ मैं एक लिफाफा था ।

      वह वहाँ के सरकारी स्कूल के अध्यापक थे। उन्हौने वहाँ खडी भीड़ का  लड्डू खिलाकर मुँह मीठा कराना शुरू कर दिया। सभी लड्डू खाकर उस बच्ची को आशीर्वाद दे रहे थे।

        कुछ समय बाद वहाँ शायरन की आवाज करती हुई पुलिस की गाडी़ भी आगयी। पुलिस ने  पूरी घटना की जानकारी ली और रिपोर्ट लिखकर आवश्यक कार्यवाही करके बच्ची उन दम्पत्ति को सौप दी।

        उन अध्यापक का नाम राम नाथ था और उनकी पत्नी का नाम सावित्री था पन्द्रह दिन पहले उनकी एक माह की बच्ची की मौत होगयी थी। तबसे वह दोनौ ही परेशान थे परन्तु आज उन दोनौ की खुशियाँ पुनः बापीस लौट आई थी। उन दोनौ ने वह बच्ची गोद लेली।

       यह लक्ष्मी  उन दोनौ की बच्ची थी जो आज डाक्टर बन कर आई थी। सावित्री ने उस कूडे़ बीनने वाली को पहचान लिया और बोली," बहिन यह तेरी अमानत है जिसे तूने मुझे सौपा था। देखले मैने इसको  ईमानदारी से पाला है।

        जब सावित्री ने लक्ष्मी को बताया कि तू इसको ही कूडे़दान में मिली थी  लक्ष्मी ने उसके पैर छू लिए।  "

     कूडे़वाली बोली " बेटी यह ऊपरवाला   भी ना जाने कैसे कैसे खेल खिलाता है। उसकी लीला अपरम्पार है कोई समझ नही सकता है।  

नान स्टाप राइटिंग चेलैन्ज  2022 भाग १५

नरेश शर्मा " पचौरी "

14/07/2022



     

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9 Comments

Kusam Sharma

19-Jul-2022 04:29 PM

Nice

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Saba Rahman

16-Jul-2022 11:16 PM

Osm

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Chudhary

16-Jul-2022 10:07 PM

😊😊😊

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